*बहुत पहले आप ने एक चिड़िया की कहानी सुनी होगी...*
*जिसका एक दाना पेड़ के कंदरे में कहीं फंस गया था...*
चिड़िया ने पेड़ से बहुत अनुरोध किया उस दाने को दे देने के लिए *लेकिन पेड़ उस छोटी सी चिड़िया की बात भला कहां सुनने वाला था...*
हार कर चिड़िया बढ़ई के पास गई और उसने उससे अनुरोध किया कि *तुम उस पेड़ को काट दो, क्योंकि वो उसका दाना नहीं दे रहा...*
*भला एक दाने के लिए बढ़ई पेड़ कहां काटने वाला था...*
फिर चिड़िया राजा के पास गई और उसने राजा से कहा कि *तुम बढ़ई को सजा दो क्योंकि बढ़ई पेड़ नहीं काट रहा और पेड़ दाना नहीं दे रहा...*
राजा ने उस नन्हीं चिड़िया को डांट कर भगा दिया कि *कहां एक दाने के लिए वो उस तक पहुंच गई है।*
*चिड़िया हार नहीं मानने वाली थी.*
वो महावत के पास गई कि *अगली बार राजा जब हाथी की पीठ पर बैठेगा तो तुम उसे गिरा देना, क्योंकि राजा बढ़ई को सजा नहीं देता...*
*बढ़ई पेड़ नहीं काटता...*
*पेड़ उसका दाना नहीं देता...*
महावत ने भी *चिड़िया को डपट कर भगा दिया...*
चिड़िया फिर हाथी के पास गई और उसने अपने अनुरोध को दुहराया कि *अगली बार जब महावत तुम्हारी पीठ पर बैठे तो तुम उसे गिरा देना क्योंकि वो राजा को गिराने को तैयार नहीं...*
*राजा बढ़ई को सजा देने को तैयार नहीं...*
*बढ़ई पेड़ काटने को तैयार नहीं...*
*पेड़ दाना देने को राजी नहीं।*
हाथी बिगड़ गया...
उसने कहा, ऐ छोटी चिड़िया..
*तू इतनी सी बात के लिए मुझे महावत और राजा को गिराने की बात सोच भी कैसे रही है?*
चिड़िया आखिर में चींटी के पास गई और वही अनुरोध दोहराकर कहा कि *तुम हाथी की सूंढ़ में घुस जाओ.*
चींटी ने चिड़िया से कहा, *"चल भाग यहां से...बड़ी आई हाथी की सूंढ़ में घुसने को बोलने वाली।*
*अब तक अनुरोध की मुद्रा में रही चिड़िया ने रौद्र रूप धारण कर लिया..*.
*उसने कहा कि "मैं चाहे पेड़, बढ़ई, राजा, महावत, और हाथी का कुछ न बिगाड़ पाऊं*...
पर *तुझे तो अपनी चोंच में डाल कर खा ही सकती हूँ...*
*चींटी डर गई...*
*भाग कर वो हाथी के पास गई...*
*हाथी भागता हुआ महावत के पास पहुंचा...*
*महावत राजा के पास कि हुजूर चिड़िया का काम कर दीजिए नहीं तो मैं आपको गिरा दूंगा....*
*राजा ने फौरन बढ़ई को बुलाया...*
*उससे कहा कि पेड़ काट दो नहीं तो सजा दूंगा...*
*बढ़ई पेड़ के पास पहुंचा...*
*बढ़ई को देखते ही पेड़ बिलबिला उठा कि मुझे मत काटो...*
*मैं चिड़िया को दाना लौटा दूंगा...*
*आपको अपनी ताकत को पहचानना होगा*
*आपको पहचानना होगा कि भले आप छोटी सी चिड़िया की तरह होंगे,*
*लेकिन ताकत की कड़ियां कहीं न कहीं आपसे होकर गुजरती होंगी* *हर सेर को सवा सेर मिल सकता है, बशर्ते आप अपनी लड़ाई से घबराएं नहीं*
*आप अगर किसी काम के पीछे पड़ जाएंगे तो वो काम होकर रहेगा*
*यकीन कीजिए...हर ताकत के आगे एक और ताकत होती है और अंत में सबसे ताकतवर आप होते हैं...*
*हिम्मत, लगन और पक्का इरादा ही हमारी ताकत की बुनियाद है!!*
बड़े सपनो को पाने वाले हर व्यक्ति को *सफलता* और *असफलता* के कई पड़ावों से गुजरना पड़ता है
*पहले लोग मजाक उड़ाएंगे*
*फिर लोग साथ छोड़ेंगे*
*फिर विरोध करेंगे*
*फिर वही लोग कहेंगे*
हम तो पहले से ही जानते थे कि *एक न एक दिन तुम कुछ बड़ा करोगे!*
रख *हौंसला* वो मंज़र भी आयेगा,
प्यासे के पास चलकर
*समंदर भी आयेगा..!*
*थक कर* ना बैठ,ऐ मंजिल के *मुसाफ़िर*
*मंजिल भी मिलेगी* और
जीने का मजा भी आयेगा!